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DEPARTMENT OF PANCHKARMA

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DEPARTMENT OF PANCHKARMA

Panchkarma the unique contribution of Ayurveda to mankind extend the therapeutic benefits equally over the preventive and promotional accepts of health and is recognized globally. Panchkarma starts from the five intensive therapeutic procedure namely Vamana, Virechana, Basti, Nasya, Raktamokshana.

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आज दिनांक 8.12.2025 को दयानंद आयुर्वैदिक मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल सिवान में चल रहे नो आगंतुक छात्र-छात्राओं के ट्रांजिशनल करिकुलम का समापन समारोह महाविद्यालय के धनवंतरी हाल में धूमधाम से मनाया गया। समापन  सत्र में मुख्य अतिथि के रूप में सिवान जिला के जिला पदाधिकारी आदित्य प्रकाश एवं अनुमंडल पदाधिकारी सिवान के साथ आयुर्वेद महाविद्यालय के शासि निकाय  के सचिव डॉ रामानंद पांडे, शासि निकाय के सलाहकार एवं पूर्व प्राचार्य प्रोफेसर डॉ प्रजापति त्रिपाठी महाविद्यालय के प्राचार्य प्रोफेसर डॉ सुधांशु शेखर त्रिपाठी ने दीप जलाकर शुरूआत किया। नवागंतुक छात्र-छात्राओं को संबोधित करते हुए जिला पदाधिकारी आदित्य प्रकाश ने आयुर्वेद को सबसे पुरातन चिकित्सा पद्धति बताया तथा छात्र-छात्राओं को आयुर्वेद की शिक्षा को गहनता से ग्रहण करने के लिए कहा । अनुमंडल पदाधिकारी ने छात्र-छात्राओं को संबोधित करते हुए आयुर्वेद के महान विभूतियां के चरित्र को अपनाने की अपील की महाविद्यालय का सचिव डॉ रामानंद पांडे ने अपने संबोधन में महर्षि सुश्रुत एवं महर्षि चारक के जीवनी पर प्रकाश डाला। पूर्व प्राचार्य प्रोफेसर डॉ प्रजापति त्रिपाठी  ने अतिथियों का स्वागत करते हुए महाविद्यालय एवं अस्पताल के विषय में विशेष जानकारी उपलब्ध कराई। महाविद्यालय के प्राचार्य प्रोफेसर डॉ सुधांशु शेखर त्रिपाठी ने अतिथियों को समारोह की शोभा बढ़ाने के लिए धन्यवाद ज्ञापित करते हुए इस पूरे सत्र में सुचारू रूप से हिस्सा लेने के लिए नवआगंतुक छात्र-छात्राओं एवं सत्र को सुचारू रूप से सफल बनाने के लिए सभी शिक्षकों कर्मचारियों एवं छात्र-छात्राओं को धन्यवाद दिया। मंच संचालन डॉ अंकेश कुमार मिश्रा ने किया इस अवसर पर महाविद्यालय के सभी शिक्षक शिक्षकेत्तर कर्मचारीयों के साथ सभी छात्र-छात्राएं उपस्थित थे।