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B.A.M.S session 24-25 के छात्र-छात्राओं ने “देश का प्रकृति परीक्षण अभियान” के अंतर्गत आयुष मंत्रालय, भारत सरकार , NCISM के संवाद को रखा।

21 Dec 2024 “World Meditation Day” celebration in DAMCH

10th विश्व आयुर्वेद कांग्रेस, देवभूमि देहरादून, उत्तराखंड में प्रिसिंपल कानक्लेव का आयोजन, सम्पूर्ण भारत के आयुर्वेद संस्थानों के प्रचार्यों निदेशकों, संकायाध्यक्षो , शिक्षकों, चिकित्सकों छात्रों की संगोष्ठी में विचार विनिमय का अवसर।

भारतीय चिकित्सा पद्धति राष्ट्रीय आयोग(NCISM) , नई दिल्ली द्वारा निर्देशित ट्रांसिशनल करिकुलम के समापन सत्र में छात्रों को स्पोर्ट एवं आत्म-रक्षा से सबंधित प्रशिक्षण दिया गया एवं उनके उज्जवल भविष्य की कामना की गई।

आयुर्वेद वाचस्पति MD (आयुर्वेद) काय चिकित्सा विभाग के स्कॉलर के द्वारा अपना शोध-प्रबंध महाविद्यालय के विभागीय शोध परिषद् के समक्ष प्रस्तुत किया गया।

प्रकृति विविधता को संपोषित करती है, तुलना नहीं करें अपना सर्वश्रेष्ठ दें आयुर्वेद पेशेवर: डॉक्टर गणेश दत्त पाठक

दयानंद आयुर्वेदिक पीजी मेडिका कॉलेज में बीएएमएस के नव नामांकित छात्रों के ट्रांसिशनल करिकुलम के तहत संवाद का आयोजन विषय

आज दो कार्यक्रम के अंतर्गत, भारतीय चिकित्सा पद्धति राष्ट्रीय आयोग, नई दिल्ली द्वारा निर्देशित BAMS के नव नामांकित छात्रों का ट्रांसिशनल करिकुलम मे आज के मुख्य अतिथि के रूप मे डॉ धनंजय शर्मा जी का आशीर्वाचन एवं महाविद्यालय के कर्मचारी श्री हरेराम सिंह जी जो 38 वर्षो से सेवा दे रहे थे उनकी सेवा निवृति के कार्यक्रम के कुछ दृश्य।

दिनांक 23/12/2024 को दयानंद आयुर्वैदिक मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल सिवान में प्रजापिता ब्रम्हाकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय, माउंटआबू से आयीं वी० के० उर्मिला दीदी के द्वारा कर्मचारियों एवं छात्रों को “माइंड मैनेजमेंट” पर व्याख्यान दिया गया।

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आज दिनांक 8.12.2025 को दयानंद आयुर्वैदिक मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल सिवान में चल रहे नो आगंतुक छात्र-छात्राओं के ट्रांजिशनल करिकुलम का समापन समारोह महाविद्यालय के धनवंतरी हाल में धूमधाम से मनाया गया। समापन  सत्र में मुख्य अतिथि के रूप में सिवान जिला के जिला पदाधिकारी आदित्य प्रकाश एवं अनुमंडल पदाधिकारी सिवान के साथ आयुर्वेद महाविद्यालय के शासि निकाय  के सचिव डॉ रामानंद पांडे, शासि निकाय के सलाहकार एवं पूर्व प्राचार्य प्रोफेसर डॉ प्रजापति त्रिपाठी महाविद्यालय के प्राचार्य प्रोफेसर डॉ सुधांशु शेखर त्रिपाठी ने दीप जलाकर शुरूआत किया। नवागंतुक छात्र-छात्राओं को संबोधित करते हुए जिला पदाधिकारी आदित्य प्रकाश ने आयुर्वेद को सबसे पुरातन चिकित्सा पद्धति बताया तथा छात्र-छात्राओं को आयुर्वेद की शिक्षा को गहनता से ग्रहण करने के लिए कहा । अनुमंडल पदाधिकारी ने छात्र-छात्राओं को संबोधित करते हुए आयुर्वेद के महान विभूतियां के चरित्र को अपनाने की अपील की महाविद्यालय का सचिव डॉ रामानंद पांडे ने अपने संबोधन में महर्षि सुश्रुत एवं महर्षि चारक के जीवनी पर प्रकाश डाला। पूर्व प्राचार्य प्रोफेसर डॉ प्रजापति त्रिपाठी  ने अतिथियों का स्वागत करते हुए महाविद्यालय एवं अस्पताल के विषय में विशेष जानकारी उपलब्ध कराई। महाविद्यालय के प्राचार्य प्रोफेसर डॉ सुधांशु शेखर त्रिपाठी ने अतिथियों को समारोह की शोभा बढ़ाने के लिए धन्यवाद ज्ञापित करते हुए इस पूरे सत्र में सुचारू रूप से हिस्सा लेने के लिए नवआगंतुक छात्र-छात्राओं एवं सत्र को सुचारू रूप से सफल बनाने के लिए सभी शिक्षकों कर्मचारियों एवं छात्र-छात्राओं को धन्यवाद दिया। मंच संचालन डॉ अंकेश कुमार मिश्रा ने किया इस अवसर पर महाविद्यालय के सभी शिक्षक शिक्षकेत्तर कर्मचारीयों के साथ सभी छात्र-छात्राएं उपस्थित थे।