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  • “देश का प्रकृति परीक्षण” कार्यक्रम अभियान के अंतर्गत दिनांक 29 नवम्बर 24 को महाविद्यालय के शासी निकाय के माननीय अध्यक्ष एवं पूर्व मंत्री प्रो०(डॉ) महाचंद्र प्रसाद सिंह का प्रकृति परिक्षण किया गया। तत्पश्चात नव नामांकित छात्रों के ट्रांजिसनल करिकुलम में भाग लिया।

“देश का प्रकृति परीक्षण” कार्यक्रम अभियान के अंतर्गत दिनांक 29 नवम्बर 24 को महाविद्यालय के शासी निकाय के माननीय अध्यक्ष एवं पूर्व मंत्री प्रो०(डॉ) महाचंद्र प्रसाद सिंह का प्रकृति परिक्षण किया गया। तत्पश्चात नव नामांकित छात्रों के ट्रांजिसनल करिकुलम में भाग लिया।

आयुर्वेद वाचस्पति MD (आयुर्वेद) काय चिकित्सा विभाग के स्कॉलर के द्वारा अपना शोध-प्रबंध महाविद्यालय के विभागीय शोध परिषद् के समक्ष रखा गया।

महाविद्यालय के सत्र 20-21 के छात्रों द्वारा शास्त्रोंक्त विधि से बनाया गया च्यवनप्राश प्राचार्य को भेट किया।

“देश का प्रकृति परीक्षण” कार्यक्रम अभियान के अंतर्गत दिनांक 23 नवम्बर 2024 को ncism के द्वारा देश के सभी महाविद्यालयों के शिक्षको, चिकित्सको,इंटर्न एवं छात्रों को ट्रेनिंग दी गई ।

आज दिनांक 20 नवंबर 2024 को आयुष मंत्रालय, भारत सरकार एवं भारतीय चिकित्सा पद्धति राष्ट्रीय आयोग, नई दिल्ली द्वारा निर्देशित स्नात्तकोत्तर विभाग के लिए आयोजित करिकुलम “संस्कार” के अन्तर्गत दयानंद आयुर्वेदिक स्नातकोत्तर मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल शासी निकाय के सभागार में स्नात्तकोत्तर (M.D) काय चिकित्सा सत्र 2024- 25 में नए आए छात्र छात्राओं का अभिनन्दन एवं परिचय आयोजित किया गया।

*शिष्योपनयन संस्कार के साथ सत्र 2024-25की कक्षाएं शुरू*

आज दिनांक 19 नवंबर 2024 को आयुष मंत्रालय, भारत सरकार एवं भारतीय चिकित्सा पद्धति राष्ट्रीय आयोग, नई दिल्ली द्वारा निर्देशित

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आज दिनांक 8.12.2025 को दयानंद आयुर्वैदिक मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल सिवान में चल रहे नो आगंतुक छात्र-छात्राओं के ट्रांजिशनल करिकुलम का समापन समारोह महाविद्यालय के धनवंतरी हाल में धूमधाम से मनाया गया। समापन  सत्र में मुख्य अतिथि के रूप में सिवान जिला के जिला पदाधिकारी आदित्य प्रकाश एवं अनुमंडल पदाधिकारी सिवान के साथ आयुर्वेद महाविद्यालय के शासि निकाय  के सचिव डॉ रामानंद पांडे, शासि निकाय के सलाहकार एवं पूर्व प्राचार्य प्रोफेसर डॉ प्रजापति त्रिपाठी महाविद्यालय के प्राचार्य प्रोफेसर डॉ सुधांशु शेखर त्रिपाठी ने दीप जलाकर शुरूआत किया। नवागंतुक छात्र-छात्राओं को संबोधित करते हुए जिला पदाधिकारी आदित्य प्रकाश ने आयुर्वेद को सबसे पुरातन चिकित्सा पद्धति बताया तथा छात्र-छात्राओं को आयुर्वेद की शिक्षा को गहनता से ग्रहण करने के लिए कहा । अनुमंडल पदाधिकारी ने छात्र-छात्राओं को संबोधित करते हुए आयुर्वेद के महान विभूतियां के चरित्र को अपनाने की अपील की महाविद्यालय का सचिव डॉ रामानंद पांडे ने अपने संबोधन में महर्षि सुश्रुत एवं महर्षि चारक के जीवनी पर प्रकाश डाला। पूर्व प्राचार्य प्रोफेसर डॉ प्रजापति त्रिपाठी  ने अतिथियों का स्वागत करते हुए महाविद्यालय एवं अस्पताल के विषय में विशेष जानकारी उपलब्ध कराई। महाविद्यालय के प्राचार्य प्रोफेसर डॉ सुधांशु शेखर त्रिपाठी ने अतिथियों को समारोह की शोभा बढ़ाने के लिए धन्यवाद ज्ञापित करते हुए इस पूरे सत्र में सुचारू रूप से हिस्सा लेने के लिए नवआगंतुक छात्र-छात्राओं एवं सत्र को सुचारू रूप से सफल बनाने के लिए सभी शिक्षकों कर्मचारियों एवं छात्र-छात्राओं को धन्यवाद दिया। मंच संचालन डॉ अंकेश कुमार मिश्रा ने किया इस अवसर पर महाविद्यालय के सभी शिक्षक शिक्षकेत्तर कर्मचारीयों के साथ सभी छात्र-छात्राएं उपस्थित थे।