• Sun. Dec 21st, 2025

आयुष मंत्रालय भारत सरकार एवं भारतीय चिकित्सा पद्धति राष्ट्रीय आयोग के निर्देशन में हर दिन हर घर आयुर्वेद विषय पर एक सभा का आयोजन दयानंद आयुर्वेदिक मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल सिवान एवं विश्व आयुर्वेद परिषद बिहार इकाई के संयुक्त तत्वधान में किया गया। सभा हर दिन हर घर आयुर्वेद आज समय की मांग है। इस अभियान में हमें हर घर को आयुर्वेद के द्वारा हर दिन उपयोग में आने वाली चिकित्सा के बारे में बताना है। आयुर्वेद को विश्वव्यापी बनाने के लिए हमें हर जिले ,प्रखंड ,पंचायत एवं गांव तक आयुर्वेद की पहुंच बनानी है एवं राष्ट्रीय स्तर पर चल रहे आयुर्वेद संबंधित कार्यक्रमों की जानकारी ग्रामीण स्तर के नागरिकों तक पहुंचाना है की हमारे घर में प्रयोग होने वाले मसाले एवं आसपास उगे हुए वनस्पतियों एवं पौधों से किस तरह असाध्य रोगों का भी इलाज किया जा सकता साथ ही महाविद्यालय स्तर पर आयुर्वेद की क्षमता को बढ़ाने हेतु जिससे इलाज में सुगमता हो ऐसा प्रयास करना है। कार्यक्रम का संचालन करते हुए विश्व आयुर्वेद परिषद के प्रांत सचिव प्रोफेसर डॉ सुधांशु शेखर त्रिपाठी ने कहा कि आयुर्वेद सभी पैथीयों की जननी है इस कार्यक्रम में सभी कर्मियों ने हर घर में आयुर्वेद भारत के ग्रामीण इलाकों में खासकर हर घर में कुछ ना कुछ आयुर्वेद से इलाज होता है इसी को व्यापक रूप में प्रचार प्रसार का प्रण किया जिससे आयुर्वेद विश्वव्यापी हो सके।

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आज दिनांक 8.12.2025 को दयानंद आयुर्वैदिक मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल सिवान में चल रहे नो आगंतुक छात्र-छात्राओं के ट्रांजिशनल करिकुलम का समापन समारोह महाविद्यालय के धनवंतरी हाल में धूमधाम से मनाया गया। समापन  सत्र में मुख्य अतिथि के रूप में सिवान जिला के जिला पदाधिकारी आदित्य प्रकाश एवं अनुमंडल पदाधिकारी सिवान के साथ आयुर्वेद महाविद्यालय के शासि निकाय  के सचिव डॉ रामानंद पांडे, शासि निकाय के सलाहकार एवं पूर्व प्राचार्य प्रोफेसर डॉ प्रजापति त्रिपाठी महाविद्यालय के प्राचार्य प्रोफेसर डॉ सुधांशु शेखर त्रिपाठी ने दीप जलाकर शुरूआत किया। नवागंतुक छात्र-छात्राओं को संबोधित करते हुए जिला पदाधिकारी आदित्य प्रकाश ने आयुर्वेद को सबसे पुरातन चिकित्सा पद्धति बताया तथा छात्र-छात्राओं को आयुर्वेद की शिक्षा को गहनता से ग्रहण करने के लिए कहा । अनुमंडल पदाधिकारी ने छात्र-छात्राओं को संबोधित करते हुए आयुर्वेद के महान विभूतियां के चरित्र को अपनाने की अपील की महाविद्यालय का सचिव डॉ रामानंद पांडे ने अपने संबोधन में महर्षि सुश्रुत एवं महर्षि चारक के जीवनी पर प्रकाश डाला। पूर्व प्राचार्य प्रोफेसर डॉ प्रजापति त्रिपाठी  ने अतिथियों का स्वागत करते हुए महाविद्यालय एवं अस्पताल के विषय में विशेष जानकारी उपलब्ध कराई। महाविद्यालय के प्राचार्य प्रोफेसर डॉ सुधांशु शेखर त्रिपाठी ने अतिथियों को समारोह की शोभा बढ़ाने के लिए धन्यवाद ज्ञापित करते हुए इस पूरे सत्र में सुचारू रूप से हिस्सा लेने के लिए नवआगंतुक छात्र-छात्राओं एवं सत्र को सुचारू रूप से सफल बनाने के लिए सभी शिक्षकों कर्मचारियों एवं छात्र-छात्राओं को धन्यवाद दिया। मंच संचालन डॉ अंकेश कुमार मिश्रा ने किया इस अवसर पर महाविद्यालय के सभी शिक्षक शिक्षकेत्तर कर्मचारीयों के साथ सभी छात्र-छात्राएं उपस्थित थे।