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आयुष मंत्रालय भारत सरकार द्वारा एमएस ( आयुर्वेद) चिकित्सकों को विभिन्न शल्य कर्म करने का अधिकार दिए जाने से आयुर्वेद जगत में बहुत हर्ष है।

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आयुष मंत्रालय भारत सरकार द्वारा एमएस ( आयुर्वेद) चिकित्सकों को विभिन्न शल्य कर्म करने का अधिकार दिए जाने से आयुर्वेद जगत में बहुत हर्ष है। जनहित में इस प्रकार के किए गए कार्यों के लिए आयुर्वेद समाज भारत सरकार की प्रशंसा करता है और आदरणीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी एवं आयुष मंत्रालय के मंत्री एवं पदाधिकारियों को बार-बार धन्यवाद देता है। इस अवसर पर आज दिनांक 10. 12. 2020 दिन 2:00 बजे अपराहन में दयानंद आयुर्वेदिक मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल के शिक्षक चिकित्सक छात्र एवं छात्राएं पूर्ववर्ती छात्र संघ विश्वा आयुर्वेद परिषद ,आयुष सर्विसेज एसोसिएशन ऑफ बिहार जिला इकाई इंटीग्रेटेड मेडिकल एसोसिएशन बिहार एवं प्रभा फाउंडेशन सिवान द्वारा महाविद्यालय के प्राचार्य सह  अधीक्षक एवं संरक्षक विश्वा आयुर्वेद परिषद बिहार प्रदेश डॉक्टर प्रजापति त्रिपाठी के नेतृत्व में धन्यवाद यात्रा निकाला गया जो आयुर्वेदिक कॉलेज से डीएवी मोर शांति वटवृक्ष थाना रोड होते हुए जयप्रकाश चौक तक गया यात्रा के अंत में पूर्वर्ती आयुर्वेदिक छात्र संघ के महामंत्री राजा प्रसाद विश्वा आयुर्वेद परिषद के जिला अध्यक्ष प्रोफेसर मनोज कुमार मिश्रा प्रदेश शिक्षक प्रकोष्ठ के सचिव प्रोफेसर डॉ सुधांशु शेखर त्रिपाठी ने आयुर्वेद चिकित्सकों को शल्य कर्म करने का अधिकार प्राप्त होने के संबंध में विस्तार से प्रकाश डाला और बताया कि आयुर्वेद में आदिकाल से शल्य कर्म का ज्ञान था दुनिया में सर्वप्रथम शल्य क्रम का ज्ञान आयुर्वेद महर्षि सुश्रुत ने दिया जिसे चिकित्सा जगत मैं इन्हें फादर ऑफ सर्जरी शल्य कर्म का जनक कहा जाता है। धन्यवाद यात्रा में प्रोफेसर डॉक्टर श्री राम पांडे डॉ उपेंद्र कुमार पर्वत डॉ मनोरंजन प्रसाद श्रीवास्तव डॉ सच्चिदानंद सिंह डॉ कमलेश कुमार पांडे डॉ विजय गणेश डॉ अरुणा शरण डॉक्टर सौरभ पाल अरूप रतन दास डॉ सतीश कुमार तिवारी एवं जिला के आयुर्वैदिक प्रैक्टिशनर आरआर कस्तूरी, डॉक्टर महेंद्र कुमार आयुर्वेद के छात्र एवं छात्राएं यात्रा में उपस्थित रहे ।

 

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आज दिनांक 8.12.2025 को दयानंद आयुर्वैदिक मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल सिवान में चल रहे नो आगंतुक छात्र-छात्राओं के ट्रांजिशनल करिकुलम का समापन समारोह महाविद्यालय के धनवंतरी हाल में धूमधाम से मनाया गया। समापन  सत्र में मुख्य अतिथि के रूप में सिवान जिला के जिला पदाधिकारी आदित्य प्रकाश एवं अनुमंडल पदाधिकारी सिवान के साथ आयुर्वेद महाविद्यालय के शासि निकाय  के सचिव डॉ रामानंद पांडे, शासि निकाय के सलाहकार एवं पूर्व प्राचार्य प्रोफेसर डॉ प्रजापति त्रिपाठी महाविद्यालय के प्राचार्य प्रोफेसर डॉ सुधांशु शेखर त्रिपाठी ने दीप जलाकर शुरूआत किया। नवागंतुक छात्र-छात्राओं को संबोधित करते हुए जिला पदाधिकारी आदित्य प्रकाश ने आयुर्वेद को सबसे पुरातन चिकित्सा पद्धति बताया तथा छात्र-छात्राओं को आयुर्वेद की शिक्षा को गहनता से ग्रहण करने के लिए कहा । अनुमंडल पदाधिकारी ने छात्र-छात्राओं को संबोधित करते हुए आयुर्वेद के महान विभूतियां के चरित्र को अपनाने की अपील की महाविद्यालय का सचिव डॉ रामानंद पांडे ने अपने संबोधन में महर्षि सुश्रुत एवं महर्षि चारक के जीवनी पर प्रकाश डाला। पूर्व प्राचार्य प्रोफेसर डॉ प्रजापति त्रिपाठी  ने अतिथियों का स्वागत करते हुए महाविद्यालय एवं अस्पताल के विषय में विशेष जानकारी उपलब्ध कराई। महाविद्यालय के प्राचार्य प्रोफेसर डॉ सुधांशु शेखर त्रिपाठी ने अतिथियों को समारोह की शोभा बढ़ाने के लिए धन्यवाद ज्ञापित करते हुए इस पूरे सत्र में सुचारू रूप से हिस्सा लेने के लिए नवआगंतुक छात्र-छात्राओं एवं सत्र को सुचारू रूप से सफल बनाने के लिए सभी शिक्षकों कर्मचारियों एवं छात्र-छात्राओं को धन्यवाद दिया। मंच संचालन डॉ अंकेश कुमार मिश्रा ने किया इस अवसर पर महाविद्यालय के सभी शिक्षक शिक्षकेत्तर कर्मचारीयों के साथ सभी छात्र-छात्राएं उपस्थित थे।